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शुक्रवार, 25 मार्च 2011

अपने जीमेल अकाउंट के लिये जीमेल प्रतिनिधि नियुक्त करें बिना पासवर्ड बताए।

यदि आप कोई बिजनेस रन करते हैं या आप कहीं बाहर जा रहें हैं और चाहते हैं कि आपकी अनुपस्थिति में आॅफिस में आपका कोई कर्मचारी या घर पर कोई सदस्य महत्वपूर्ण ईमेल्स चेक कर उनका उचित रीप्लाई कर सके । और आप ये भी चाहते हैं कि उसे आपका पासवर्ड भी न बताना पड़े तो :

सबसे पहले अपने जीमेल में लॉगिन करें ।
अब आपके जीमेल में जो राइट साइड सेटिंग का आप्शन आ रहा है वहॉं पर क्लिक कर चित्र 1 के अनुसार एड अनादर एकाउंट पर क्लिक कर कर्मचारी का जीमेल आईडी भरें।
अब नेक्स्ट पर क्लिक करें
अब चित्र 2 के अनुसार आपके सामने जो सेंट ईमेल टू ग्रांड एक्सेस पर क्लिक करें
अब आपके कर्मचारी के जीमेल में लॉगिन कर इनबाक्स चेक करें एक एक्टिवेशन लिंक मेल में आया होगा उस पर क्लिक कर  ओपन होने दें।
अब अपने कर्मचारी या घर के सदस्य से उसके जीमेल को लॉगआउट करने को कहें.
अब अपने कर्मचारी या घर के सदस्य से अपने जीमेल को लॉगिन करने को कहें.
अब चित्र 3 के अनुसार कर्मचारी के जीमेल में राइट साइड में जहॉं कर्मचारी का यूजरनेम लिखा आ रहा है  उसके नीचे क्लिक करने पर आपका जीमेल यूसरनेम नेम दिखाई देगा
कर्मचारी उस पर क्लिक कर आपका मेल चेक कर सकेगा
नोट : आपका कर्मचारी या घर का सदस्य आपका मेल चेक कर सकता है, मेल सेंड कर सकता है लेकिन आपके एकाउंट का पासवर्ड सेट नही कर सकता और सेंट फोल्डर में आपको यह पता पड़ जायेगा कि यह मेल आपने भेजा है या आपके कर्मचारी ने।
Note : Signing out of any one of the accounts will sign you out of all the accounts you're currently viewing, and, of course, you can revoke access at any time.

मॉय कम्प्यूटर में जाने का और सी ड्राइव में जाने का शॉर्टकट

सबसे पहले स्टार्ट पर क्लिक कर, रन पर क्लिक करें और रन में तीन डॉट या फुल स्टॉप टाइप करें और ओके करें आप मॉय कम्प्यूटर में पहँुच जायेंगे।
इसी तरह रन में दो डॉट या फुल स्टॉप टाइप करें और ओके करें आप सी ड्राइव में पहँुच जायेंगे।

जीमेल में एक से अधिक फाइलों को एकसाथ कैसे अटैच करें

सबसे पहले अपने जीमेल में लॉगिन करें और जैसे आप फाइलें अटैच करते हैं वैसे ही करें बस फाइलें अटैच करते समय एक फाइल को सलेक्ट करें और उसी समय कंट्रोल की दबाकर अन्य फाइलें अटैच करें अब देखिये एक के बाद एक ये फाइलें अटैच होती जायेगीं।

नोट : यदि जीमेल में एक से अधिक फाइलें इस तरीके से अटैच करने में आपको और परेशानी आयें या फाइल्स अटैच न हो रहीं हो तो जीमेल में जो राइट साइट में सेटिंग का आॅप्शन आता है वहॉं पर क्लिक कर जो सेटिंग का पेज खुलेगा उसमें सबसे नीचे चित्रानुसार एडवांस अटैचमेंट पर टिक कर सेटिंग कर सेव करें

सोमवार, 21 मार्च 2011

जीमेल में यदि आप लॉगिन हैं तो उसी समय किसी दूसरे यूजरनेम से उसी इंटरनेट ब्राउजर में लॉगिन करें। बिना जीमेल से लॉगआउट किये।

हमें अपने आॅफिस में जब हम अपने मेल जीमेल पर चेक कर रहे होते हैं,तभी बीच में कार्य करते समय किसी मित्र को उसका जीमेल या कभी कभी घर पर किसी सदस्य का जीमेल चेक करवाना होता है। तब हमे अपने जीमेल से लॉग आउट करना होता है या यदि हमने अन्य कोई इंटरनेट ब्राउसर कम्प्यूटर में डाल रखा है तो हम उस पर उसका जीमेल खुलवाकर चेक करवा देते हैं। वैसे अधिकतर हमें लॉगआउट ही करना होता है। इस परेशानी से बचने के

अपने कम्प्यूटर पर जीमेल को इंटरनेट बंद हो जाने पर भी एक्सेस करें या अपने जीमेल को आॅफलाइन में भी चेक करें

pic1 click on it for zoom
कभी-कभी हमारे यहाँ नेटबंद हो जाता है और उसी समय हमें अपने जीमेल से कुछ पुराने ईमेल देखनी होती हैं। इस स्थिति में आपको अपने मोबाईल से या नेटकैफे की शरण लेनी पड़ती है जिसमें की आपका समय और पैसे दोनों की बर्बादी होती है। इस स्थिति से बचने के लिये आप अपने जीमेल में आॅफलाइन आप्शन को ईनेवल कर बच सकते हैं :

सबसे पहले यदि आपके कम्प्यूटर में गूगल क्रोम न हो तो यहॉं से उसे इंटाल करें और कम्प्यूटर रिस्टार्ट करें।

यदि आपके कम्प्यूटर में पहले से ही गूगल क्रोम है या आपने अभी-अभी इंटाल किया है तो गूगल क्रोम खोलकर इसमें जीमेंल में लॉगिन करें।

अब जीमेल में राइट साइट में सबसे ऊपर जो सेटिंग्स का आप्शन दिखाई दे रहा है उस पर क्लिक करें।

click on it for zoom
अब चित्र 1 के अनुसार आॅफलॉइन आप्शन पर क्लिक करें।

अब जो विंडो खुलेगी चित्र 2 के अनुसार आॅफलाइन आॅप्शन को इनेवल करें और अपने अनुसार 1
माह या जितने भी समय की मेल आपकों भविष्य में आॅफलाइन देखनी हो चुने और सेव जरूर करें।

अब आपके सामने एक अलर्ट मैसेज आयेगा चित्र 3 के अनुसार नेक्स्ट पर क्लिक करें।

अब चित्र 4 के अनुसार ओके करें

अब चित्र 5 के अनुसार इंटालिंग शुरू जो जायेगी इसका कम्प्लीट होने का इंतेजार (प्रतीक्षा) करें

अब चित्र 6 के अनुसार आपके डेक्सटॉप पर एक जीमेल का शार्टकट आ गया होगा उस पर क्लिक कर आप अपना जीमेल नेट बंद हो जाने पर क्लिक कर चेक कर सकते हैं।

कृपया उन्हीं ईमेल को देखनें की उम्मीद रखें जो हाल ही में नेट बंद हो जाने से पहले आपके इनबाक्स में आ चुके थे।

मंगलवार, 15 मार्च 2011

व्यंग : यदि आप अपने बॉस से नाराज हो तो ये करें आपका गुस्सा शांत हो जायेगा

वैसे तो हम अपने कार्यस्थल पर लगभग रोज ही अपने बॉस से पीड़ित रहते हैं लेकिन कभी कभी जब हमारी वाईफ भी अपने मायके गई हो और हमें बाहर का खाना भी अच्छा न लगता हो तो और आॅफिस से जाने के बाद हमें घर पर अपने लिये खाना बनाना पड़ता हो तो ये नुस्खा अपनायें
जब आप आटा गुँथ रहें हों तो उसी समय उस गुस्से के पल को याद कर मन ही मन ये बोलिये
'एक रावण को राम ने मारा, एक रावण को मैं मारूंगा! तेरी लंका आज उजाड़ून्गा, जय जय श्री राम पुकारूँगा!
और जब रोटी पूरी बिल जाये तब उस रोटी या परांठें को अपनी एक हथेली से दूसरी हथेली पर थोपें जैसे के आप किसी को गाल पर लपाडें चाँटे मार रहें हों और फिर दुबारा ये मन ही मन बोलें 'एक रावण को राम ने मारा, एक रावण को मैं मारूंगा! तेरी लंका आज उजाड़ून्गा, जय जय श्री राम पुकारूँगा! और इसी के साथ ही गर्म तवे पर उस परांठे तो सिकने के लिये डाल दें।
बस फिर क्या परांठों का स्वाद बढ़ जायेगा यही तरीका उस समय भी अपनाएँ जब आप टमाटर, प्याज या लहसुन वगैरह के साथ कुश्ती कर रहें हों। देखियेगा सब्जी का स्वाद भी आपके लिये सेहतमंद होगा और आपनी क्रोध प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ायेगा
नोट :  बॉस लोग पढ़ रहें हों तो कृपया इस लेख में वॉस की जगह अपनी सास पढें और यदि सास पढ़ रहीं हों तो अपना दामाद पढें और यदि पत्नी पढ़ रहीं हों तो बॉस की जगह अपनी जो सबसे प्रतिद्वंती महिला हो उसका नाम पढ़ें और कृपया कर पत्नी खाना बनाने की विधि की जगह कृपया कपड़े धोना पढ़ें कपड़े बहुत ही अच्छे धुलेंगें और आपके पति महोदय आपकी तारीफ करेंगें।

सोमवार, 14 मार्च 2011

जहाँ पूर्ण संतुष्टि नही होती वहाँ आस्था और विश्वास कमजोर पड़ने लगते हैं।

लगभग हर वैवाहिक पुरूष अपने वैवाहिक जीवन में कुछ प्रतिशत असंतुष्ट रहता है इसी वजह से शिला की जवानी और डांस आॅन फ्लोर वाले पूरी तरह ग्लैमर युक्त नृत्यांगनाओं युक्त गाने तथा ओल्ड इज गोल्ड कैटेगरी के पुराने रोमांटिक गीत और आयटम गाने आज भी हमे सुनने को हर न्यूक्लियर फैमली में मिल ही जाते हैं जिन्हें हर पुरूष सुनकर सपनों में या अपनें अतीत में खो जाता है। और हमारे साहित्य में हमे अक्सर सुनने को मिलता है कि जहाँ पूर्ण संतुष्टि नही होती वहाँ आस्था और विश्वास कमजोर पड़ने लगते हैं। कुछ पुरूष इन तीन शब्दों के चक्कर में इतना पड़ जाते हैं कि वे संतुष्टि शब्द को उन विज्ञापनों में जो रोज न्यूज पेपरों में छपते हैं जैसे ये तेल वो कैप्सूल, मर्दानगी बढ़ाओं आदि में पैसा खर्च कर, पाने की कोशिश में अपनी जेब खाली कर मूर्ख ही बनते नजर आते हंै।
और आस्था शब्द के चक्कर में अपनी सेलरी का एक बड़ा हिस्सा उन टेलीशॉपिंग नेटवर्क की दुकानों में जो केवल रातों को टेलीविजन चैनल्स पर सक्रिय हो जाती हैं। जो हर परेशानी को हल करने में मदद वाले यंत्र और तावीज बेचते नजर आती हैं में खर्च कर,या उन कथा सुनाने वाले और उपदेश देने वाले बाबाओं के चक्कर में आ कर जो टीवी चैनल्स पर कथा कम और अपने भाषण ज्यादा झाड़ते हैं और कथा को बीच में ही छोड़ कर अपने कार्यकर्ताओं के जरिये अपने ट्रस्ट के खर्चो के लिये इनडायरेक्ट तरीके से दान मांगना चालू कर देते हैं।
और अब बचा विश्वास शब्द ये शब्द पुरूष ढूढ़ँने लग जाता है अपनी साथी महिला मित्र या उन खूबसूरत लड़कियों के चक्कर में जो केवल अपने खर्चों के लिये उनसे मित्रता बढ़ाती हैं। या कहें की वे लड़कियाँ इन पुरूषों को एक पालतू तोते से ज्यादा कुछ नही समझती जिससे कि वे रोज प्यार भरी बातें ही करती हैं। कुछ मूर्ख उन तांत्रिकों के वर्गीकृत विज्ञापनों के जरिये उन तांत्रिक विद्याओं में विश्वास करने में अपनी अक्ल पर पर्दा डाल कर और अंत में ठगा सा महसूस होकर अन्य किसी तांत्रिक के चक्कर में पड़ कर विश्ववास को खोजते हैं।
इन पुरूषों लिये चाणक्य वाक्य है कि अपनी स्त्री जैसी हो उसी में संतुष्ट होना चाहियें तथा अपने पास जितना भी धन हो उसी में ही सुखी रहना चाहिये ।

फेस बुक में अपने किसी दोस्त से दोस्ती तोड़ना या अनफेंड करना या किसी दोस्त को अपने फेसबुक के अकाउंट में आने से रोकना (परसन को ब्लाक करना), या किसी तरह की अशोभनीय पोस्ट को छुपाना (हाइड करना) या किसी विशेष दोस्त की पोस्ट को अपनी वॉल पर छुपाना

यदि आप सोचते हैं किसी किसी विशेष व्यक्ति से दोस्ती रखना आपकी निज जानकारियों को खतरा है तो आप उसे अनफेंड कर उससे पीछा छुड़ा सकते हैं
सबसे पहले अपनी फेंड लिस्ट में जाकर (प्रोफाइल पर क्लिक कर फेंड्स पर क्लिक करें) उस दोस्त के नाम पर क्लिक करें अब आपके सामने उस दोस्त का प्रोफाइल खुलेगा अब लेफ्ट साट्स में जहॉं आपके दोस्त का फोटो लगा है उसी के सबसे नीचे साइड आपको एक अनफेंड का आॅप्शन दिखाई देगा (चित्र 1) वहाँ अनफेंड पर क्लिक कर उस दोस्त को आप अपनी फेंड लिस्ट से हटा सकते हैं और उस दोस्त को किसी प्रकार से पता भी नही पड़ेगा।
और यदि आप ये चाहते हैं कि वह दोस्त भविष्य में हमेशा आपके फेसबुक अकाउंट से दूर रहे (मतलब कि वह आपको फेसबुक में भी सर्च नही कर पाए, और कहीं दुबारा फेंड रीक्यवेस्ट न भेज दे) तो इसी तरह (चित्र 1) में जो ब्लॉक दिस परसन का आप्शन सबसे नीचे दिखाई दे रहा है पर क्लिक कर उसे अपने फेसबुक अकाउंट को सर्च करने पर भी आप नही दिखाई देंगे व अपने अकाउंट से दूर रख सकते हैं
और यदि आप किसी दोस्त से बिना अनफेंड या बिना ब्लॉक कर उस दोस्त की कुछ या पूरी पोस्ट्स को अपनी वॉल पर से हटाना चाहते हैं तो चित्र 2 देंखें, यहाँ आपको जो आप्शन्स दिखाई देंगे अपने अनुसार आप उस पोस्ट के आप्शन सेट कर सकते हैं।
कभी कभी किसी एप्स या पेज द्वारा हमारी वॉल पर प्रतिदिन कुछ पोस्ट आॅटोमेटिक पोस्ट होती रहती हैं तो उसे भी आप इसी तरह छुपा सकते हैं या उन पेजों को अनलाइक कर आने वाले पोस्ट्स को रोक सकते हैं या फिर उसे स्पैम में डाल सकते हैं
कृपया अपनी बहुमूल्य टिप्पण्यिॉं या कमेंट्स देकर लिखने के लिये प्रोत्साहित करें




गुरुवार, 10 मार्च 2011

अपने कम्प्यूटर से फेसबुक अकाउंट को लॉगआॅउट करें यदि आप सायवर कैफे में या आॅफिस या किसी दोस्त के घर साइन इन छोड़ आए हैं तो

कभी-कभी हम जल्दबाजी में किसी सायबर कैफे या किसी दोस्त के घर या कभी कभी आॅफिस में अपना फेसबुक अकाउंट ओपन छोड़ आते हैं जिससे हमारे अकाउंट के मिसयूज का भय हमे बना रहता है यहॉं मै आपको बताना   चाहता हँू कि कैसे आप अपने अकाउंट सम्बंधी जानकारी देख सकते हैं जहॉं से आपका अकाउंट यूस हो रहा है और उसे कैसे उन सभी जगह से लॉग आउट कर भविष्य में ऐसा आप्शन सेट कर सकते हैं कि यदि किसी ने आपके घर के या आॅफिस के कम्पयूटर के अलावा आपके फेसबुक में साइन इन किया तो आपको एसएमएस के माध्यम से पता चल जाए। और यदि आप किसी वाईफाई के द्वारा किसी मॉल या एयरपोर्ट से अपने एकाउंट को एक्सेस कर रहे हों तो उसे किसी हैकर से भी बचा सकते हैं।

1. सबसे पहले अपने फेसबुक अकाउंट में साइन इन करें।

2. अपने अकाउंट सेंटिंग में जाएं

3. अकाउंट सेंटिग पर क्लिक करने के बाद अकाउंट सिक्योरिटी के सामने जो चेंज आॅप्शन दिखाई देता है पर क्लिक करें।

4. अब आपके सामने चित्रानुसार दिखाई देगा अकाउंट एक्टिविटी और शहर का नाम भी दिखाई देगा

5. आप अपने हिसाब से जिस सिटी से चाहे ईन्ड एक्टिविटी पर क्लिक कर लॉग आउट कर सकते हैं। इससे आप उन जगह से आटोमेटिक लॉग आउट कर सकते हैं। ध्यान रखियेंगा कि आप किस सिटी पर ईन्ड एक्टिविटी पर क्लिक कर रहे हैं
6. अब यदि आप सिक्योर कनेक्शन के द्वारा अपना अकाउंट यूज करना चाहते हैं और यह भी चाहते हैं किसी भविष्य में आपको एसएमएस के माध्यम से अपने अकाउंट सम्बंधी जानकारी प्राप्त हो तो चित्र 2 के अनुसार सेंटिग कर सेव कर दें।
7. अब चित्र 3 के अनुसार मोबाईल सम्बंधी अपने अनुसार सेंटिग करें। और उसे सेव सेव करना न भूलें। नोट - यदि आपने फेसबुक पर अपना मोबाईन नं. रजिस्ट्रार न किया हो तो यही से करें जिससे आपको अपने मोबाईल पर एसएमएस के माध्यम से एक सिक्योरिटी कोड मिलेगा उसे इंटर कर अपना मोबाईल रजिस्टर कर सकते हैं।

8. यह सब करने के बाद अपने अकाउंट पर होम पर क्लिक  करें अब आप देखेंगे की इंटरनेट की विंडो में जहाँ फेसबुक की साईट का नाम लिखा है वहाँ पर httpकी जगह httpsये लिखा होगा। इसका मतलब है कि अब आप सिक्योर कनेक्शन से फेसबुक यूज कर रहे हैं।

9. अब आप अपने अकाउंट से लॉग आउट करें और अपने कम्प्यूट कर को रिस्टार्ट करें।

10. अब दुबारा जब अब फेसबुक के अकाउंट में लॉगिन करेंगे तो यहाँ एक आप्शन आपको दिखाई देगा इस आप्शन में आपको अपने कम्प्यूटर का नाम पूछा जायेगा यदि आप इस अकाउंट को घर के कम्प्यूटर से यूज कर रहे हैं तो होम लिखे और यदि आॅफिस से यूज कर रहें हैं तो वर्क लिखें एक बार ये सेंटिग करने पर यह आप्शन दुबारा नहीं पूछा जायेगा।
नोट यदि आप जब भी कभी विंडो की टेम्परेरी फाईल डिलिट करेंगें और उसके बाद अपने फेसबुक अकाउंट में लॉगिन करेंगे तो यह आपसे दुबारा कम्प्यूटर का नाम पूछेगा अपने कम्प्यूटर का नाम वही लिखें जो आपने पहले लिखा था क्यों ये आईपी एड्रेस से डिटेक्ट हो जाता है और इससे आप भविष्य में कन्फयूज भी नही होगेंं जब अब ईन्ड एक्टिविटी आप्शन देखेंगे तो एक ही कम्प्यूटर के दो नाम से आप मिसगाईड नही होंगे।

11. अब आप अपने किसी मित्र या सायवर कैफे से अपने फेसबुक में लॉगिन कर इसे प्रक्टिकल करके देंखे ।

कृपया अपने विचार यानि के कमेंट देना न भूलें जिससे इस लेख में क्या सुधार करना है मुझे पता पड़े
आप इस लेख को इस लेख के नीचे जो फेसबुक का साइन दिखाई दे रहा है उससे फेसबुक पर अपने मित्रों से शेयर करना न भूलें

बुधवार, 9 मार्च 2011

कोई तो इन इंश्योरेंस कम्पनीयों के विज्ञापनों से बचाये

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  दिन भर आॅफिस में मथापच्ची करने के बाद घर पहँुचते हैं फे्रश होते हैं पत्नी से भोजन लगाने के लिये कहते हैं कुछ बच्चों से बतियाते हैं फिर कुछ शुकुन के लिये अपना मनपसंद टीवी चैनल लगाते हैं थोड़ी देर शो का मजा लेने के बाद अपना कंसन्ट्रेश्सन भोजन पर लगाते हैं। हम जिस तनाव से दिन भर गुजरते हैं रात के भोजन को ग्रहण करते हुए उस तनाव को कम महसूस करते हैं उसी समय इन इंश्योरेंस कम्पनियों के विज्ञापन उस शो के बीच में तनाव यकायक बढ़ा देते हैं कुछ विज्ञापन जैसे

1. एक अच्छे खासे व्यक्ति से एक  वंदा कहता है कि दिखते हो इतने लाख के हो और इंश्योरेंस इतने लाख का तुम्हे तो बीमारी है

2. एक पत्नि अपने पति से पैसा मांगती है अपने बड़े होते बच्चे के लिये और फिर उस आदमी को बुढा दिखाते हुए उस विज्ञापन में उसकी पत्नी उससे बच्चे की फीस के लिये लाखों माँगती है यह सुनते ही शायद आदमी बेहोश हो जाता है या मर जाता है

3. दो दोस्त अपनी फेमली के साथ ठहल रहे होते हैं और एक दूसरा दोस्त अपने पहले दोस्त से पूछता उसकी बच्ची के भविष्य के किसी बडे कॉलेज में एडमिशन के लिये। फिर वह दोस्त सोचने लगता है अपनी बच्ची के भविष्य की एजुकेशन के बारें में फिर उस की चिंता का हल उस बीमा कंपनी का बड़ा लोगो मोनो दिखा कर उसका हल उस कम्पनी की पॉलिसी हो सकती है या एकमात्र वही कम्पनी हो सकती है ये हमें बताया जाता है
बस फिर क्या हमारी धर्मपत्नि हमारा मँुह तकने लगती है जैसे पूछ रही हो के अपने बच्चों और अपने भविष्य का क्या होगा और हमारा भी दिमाग एक दम से प्रतिदिन इस तरह के विज्ञापन देख कर भविष्य की चिंता से घिर जाता है। मै ये नही कह रह हूँ कि इन कम्पनियों को अपना विज्ञापन नही करना चाहियें पर इस तरह लोगों को डरा कर ये कम्पनियों एक यूलिप पॉलिसी हम मिडिल क्लास को दे देती हैं। और उनका प्रीमियम भी ज्यादा होता है, इस तरह ये हमें एक ज्यादा इंश्योरेंस लेने की बीमारी का आदी बना देती हैं जब कुछ सालों बाद हम पता करते हैं कि उन यूनिट्स की क्या वेल्यू है तो हमारे पैरों तले जमीन ही खिसक जाती है जब कम्पनियों से पूछते हैं तो वे सत्रह तरह के पॉलिसी खर्च बता देती हैं। मै किसी तरह इन कम्पनियों या यूलिप पॉलिसियों का विरोध नही कर रहा हँू पर ये इस तरह के विज्ञापन दिखा कर लोगों को अपनी पॉलिसी लेने के लिये फोर्स करने से ज्यादा कुछ नही इन कम्पनियों को अपना उन संतुष्ट ग्राहकों का प्रतिशत या अनुभव इन विज्ञापनों के माध्यम से दिखाना चाहिये जिन्होनें इनकी पॉलिसी ले रखी हैं न की हम मिडिल क्लास को कंगाली से अमीरी का ख्बाव दिखा कर। दिखने को तो हम लाखों के भी न दिखें लेकिन हमारी वैल्यू करोड़ो की होती है इसका मतलब ये नही कि हम अपनी पूरी सेलरी इन कम्पनियों को प्रीमियम भर कर अपने बच्चों के भविष्य के लिये या अपने भविष्य के लिये हम अभावों में जियें । इसकी क्या गारंटी है कि बच्चों की फिस यदि लाखों में ही लगेगी तो क्या ये कम्पनियाँ केवल बच्चो की फीस भरने के लिये ही हमे अपनी पॉलिसियाँ बेच रही हैं तो फिर हम अपने बुढापे के लिये पैसा कहाँ से लाएँगे। ये कम्पनियाँ उन बेसिक इंश्योरेंस प्लान्स को क्यों  नही बताती जिसको लेकर भी आम आदमी अपना भविष्य सुरक्षित कर सकता है। और वो भी कम प्रीमियम देकर ।
रही सही कसर ये नूडल्स और बिस्किट्स के विज्ञापन पूरा करते हैं जो केवल लंच बाक्स या ब्रेकफास्ट में बच्चों को बिस्किट और नूडल्स खाने पर ही जोर डालते हैं । सुंदर माडल्स को मम्मी के रूप में दिखा कर उनसे कहलवाते हैं कि मै तो अपने बच्चे को लंच में ये ही देती हूँ, या खानें ब्रेकफास्ट में इन सब चीजों को बच्चों को खिलाने से कोई समझौता नही करती । और लम्बे और तेज दिमाग के लिये खास तरह के चाकलेट्स मिक्स पाउडर । अगर हम रोज अपने बच्चों को ये सब खिलायेगें तो रोटी दाल और सब्जियाँ तो बच्चे देखकर ही डरने लगेगे। अभी तो केवल न खाने के लिये ही बहाने मारते हैं।



आजकल एक विज्ञापन टीवी पर आ रहा है जिसमें एक सुंदर सी मम्मी दूसरी सुंदर मम्मी से पूछती है कि कैल्शियम के लिये अपने बच्चे को क्या देती हो तो वह कहती है दूध देती हूँ, तो वह पूछती है कैल्शियम के लिये क्या देती हो तो वह फिर बोलती है कि दूध देती हूँ, तो लास्ट में वह कहती है मै कैल्शियम बच्चे को मिल सके इसलिये बोर्नबीटा विटामीन डी वाला देती हूँ। कुछ दिनों बाद एक विज्ञापन और आयेगा जिसमें यह दोनों इसी तरह का वार्तालाप करेगी और पूछेगीं कि आयरन के लिये क्या देती हो तो दूसरी बोलेगी कि पालक देती हँू तब दूसरी बोलेगी कि मै मैगनेट (चुंबक) का चूरन मिक्स बोर्नबीटा देती हँू ताकि बच्चे को आयरन मिल सके। इन कम्पनी वालों का बस चले तो ये पैदा होते से ही माँ के दूध के साथ बोर्नबीटा की पहल करने लग जायें।

इस लेख का उद्ेश्य किसी कम्पनी के उत्पाद की बुराई करना नही हैं। ये मै केवल अपने अनुभव लिख रहा हँू।


SBI LIFE

जीमेल में गलती से किये गये ईमेल को रोकें अनडू सेंट (UNDO SEND) आॅप्शन से

कभी-कभी हम पर आॅफिस में इतना प्रेशर होता है कि हम गलती से जिसे ईमेल करना होता है उसकी जगह किसी ओर को ईमेल कर देते हैं। या कभी जल्दी में ईमेल को बिना अटैचमेंट या स्पेलिंग चेक किये ही सेंट कर देते हैं। इस गलती का अहसास आमतौर पर हमें सेंट पर क्लिक करने के कुछ ही सेकंड बाद होता है यदि आपके साथ भी ऐसा ही होता है तो आप अपनी इस तरह की गई गलती को ठीक कर सकते हैं  अपने ईमेल को गंतव्य ईमेल पर पहँुचने से रोक सकते हैं।
 सबसे पहले अपने जीमेल अकाउंट में लॉगिन करें इसके बाद राईट साइट में ऊपर जो सेटिंग लिखा होता है उस पर क्लिक करें,इस पर क्लिक करने के बाद आपके सामने जो बिंडो खुलेगी उसमें लेफ्ट से 8वें नंबर पर एक लेब आप्शन दिखाई देगा उस पर क्लिक करें, इस आॅप्शन पर क्लिक करने के बाद जो लिस्ट दिखाई देगी स्क्रॉल करते हुए 23वें नं पर आपको एक चित्रानुसार (1)  अनडू सेंट दिखाई देगा, इसे इनेवल कर दें जैसे मैने चित्र (1) में किया है अब सबसे नीचे स्क्रॉल करते हुए आऐें और सेव करें।
  अब लेब आॅप्शन की लाईन में सबसे पहले आपको जनरल (चित्र 2) पर क्लिक कर के बाद आपको नीचे स्क्रॉल करने पर चित्र 3 के अनुसार अनडू टाइम को सेट करने का आॅप्शन दिखाई देगा वहाँ पर 30 सेट कर दीजिये और सेव करना न भूलें
अब काम्पोज ईमेल में कम्पोज करें और प्रेक्टिकल करके देखें
कृपया कर कमेंट देकर लिखने के लिये प्रोत्साहित करें

मंगलवार, 8 मार्च 2011

मैनेजमेंट से लड़ने से अच्छा है अपने अंदर छुपी हुई मजबूरी को पहचाने

जब हम छोटे थे तब हमारे माता-पिता हमे पढ़ने के लिये बहुत ज्यादा फोर्स करते थे, हममें से कुछ ने तो अपने स्कूल टाइम में स्कूल की अन्य गतिविधियाँ जैसे खेल, सांस्कृतिक कार्यक़्रम में हिस्सा लेना आदि छोड़ दिया या हमें इन चीजों से जैसे चिढ़ ही हो गई । हम किताबी कीड़े बन गये पर किताबी कीड़े बनने के लिये भी अत्यधिक मेहनत की जरूरत होती है हमारा किताबी कीड़ा होने के पीछे एक स्ट्राँग कान्सेप्ट काम करता है हमारा लक्ष्य।
 लक्ष्य जिसे हम फिल्में देखकर या किसी आदर्श व्यक्ति को देखकर या हमारे उन अमीर दोस्तों को देखकर जो हमारी तरह गरीब नही होते थे और खुलकर पैसा खर्च करते थे तय करते हैं। यही लक्ष्य आगे जाकर हमारी मजबूरी बन जाता है।
जब हम पढ़ लिख कर किसी नौकरी को ज्वाइन करते हैं तो हमेशा हमारा लक्ष्य हमारे दिमाग में हमें सरदर्द देता रहता है। और इसी लक्ष्य की खातिर हम जरूरत से ज्यादा अपनी नौकरी में मैनेजमेंट के गलत निर्णय या ये कहें कि टॉप मैनेजमेंट ने जो एमडी या मैनेजर नियुक्त किया है के अनुसार अपना कार्य करते हैं शुरू-शुरू में हमें उस मैनेजर की बातें एक लीडर की तरह लगती है जो हमें प्रगति के पथ पर या हमारे लक्ष्य के सहायक होने के लिये हमारा आइडियल बन जाता है किंतु समय के साथ साथ हमें यह महसूस होने लगता है कि वह मैनेजर टीम भावना से नही व्यक्तिगत भावना से अपनी इमेज बनाने के लिये हम जैसो को अपने तानाशाह निर्णयों की गर्त में धकेलता रहता है।
हम यह सोचते हैं कि टॉप मैनेजमेंट इस ओर ध्यान क्यो नही देता यहॉं मै आपको बताना चाहता हूँ कि जैसे कुछ समय पहले सरकारी आॅफिसों में वहाँ के कर्मचारी अपने अधीनस्थों के परेशान रहते थे और अधिकतर अपना समय चाय की दुकानों में या अपनों दोस्तों के साथ बेवजह की पार्टियों में समय देकर अपना टाईम पास करते थे या गवरमेंट द्वारा दिये गये हर अवकाश को पूरा इंजॉय करते थे, क्योकि गवरमेंट नौकरी छोड़ तो सकते नही जो है करनी तो है। ये उनकी मजबूरी होती थी।
आज के जमाने में गवरमेंट नौकरी तो मिलती नही इसलिये हम सभी अपने योग्यता के आधार पर प्राइवेट जॉव ही करना पसंद करते हैं।
हॉं तो बात कर रहे थे उस मैनेजर की जो अपनी इमेज बनाने के चक्कर में हमें इतना तनाव देता है जो हमें हमारे घर और टॉयलेट में भी शुकून नही लेने देता है । हम सोचते हैं कि टॉप मैनेजमेंट इस मैनेजर को क्यो रखके रखा हुआ है। यह टॉप मैनेजमेंट उस गंधारी या उस धृतराष्ट्र की तरह होता है जिसे अपनी जनता से नही बल्कि उस दुर्योधन से प्यार होता है जो वह मैनेजर होता है। गंधारी या धृतराष्ट्र ने ऐसा क्यो किया यह आज भी एक सवाल है। इसका हल हमारे भी पल्ले नही पड़ता चाहे आप इन धृतराष्ट्रों के कानों में कितना भी चिल्लाएँ उन्हें तो दुर्योधन का मोह होता है। लास्ट में हमें एक ही हल समझमें आता है नौकरी छोड़ना इस नौकरी को छोड़ने की उधेड़बुन में हम भी उन टाइम पास कर्मचारी जो हमारे आॅफिस में भी मौजूद होते हैं की तरह चाय की दुकानों में ये फालतू कामों के लिये छुट्टियाँ लेकर अपना टाइम पास करना पसंद करने लगते हैं किंतु जो हमारा लक्ष्य है वह हमें घर पर या चाय की दुकान पर भी चैन नही लेने देता जिस लक्ष्य की खातिर पर पता नही कितनी ही नौकरियाँ छोड़ चुके होते हैं। और यही लक्ष्य हमारी मजबूरी बन जाता है।
यहॉं मै आपको एक भयानक सलह देना चाहता हूँ यदि आपका आर्थिक पक्ष 5 प्रतिशत भी अच्छा है यानि की आप अपने पारिवार को कुछ समय तक बिना नौकरी के पाल सकते हैं तो यह नौकरी छोड़ दें।
और कुछ समय कहीं एकांत में जाके सोचें कि जिस लक्ष्य के लिये आपने अपना सुख-चैन खो दिया है उसको हम बिना नौकरी करें कैसे पा सकते हैं यदि नहीं पा सकते हैं  (यहाँ मेरा मतलब किसी चोरी या डकैती में अपने आप को लिप्त करने से नही है ना ही किसी आपराधिक प्रवृत्ति को अपनाने से हैं यहाँ मेरा मतलब है कोई छोटा मोटा नया बिजनेस आइडिया जैसे जब तक हम रेगिस्तान में रहते हैं हमेशा रास्ते ही तलाशते रहते हैं किंतु यदि हम उस रेगिस्तान को ही छोड़कर कहीं ओर विचरण करें तो कुछ हद तक रास्ते तलाशने में होने वाली परेशानियों का अंत होगा) तो तय कर लिजिये इस लक्ष्य को छोडने का  क्योकि हम उस लक्ष्य को नही भेद सकते जो हमारे धनुष वाण की पहँुच से अत्यधिक दूरी पर हो और जो हमें अब धुंधला दिखाई देता हो, और बिना किसी के प्रेशर से अपनी नई नौकरी करने का। इस तरह आप अपना 90 प्रतिशत तनाव कुछ समय के लिये कम कर सकते है लेकिन मुझे मालूम है यह अत्यधिक कठिन कार्य है क्योकि बिना नौकरी हम जैसे लोग बिना पेट्रोल की गाड़ी की तरह हो जाते हैं जिसे धक्का मार कर ज्यादा से ज्यादा 5 कि.मी. तक ही ले जाया जा सकता है यदि रास्ते में चढ़ाई याने कि यदि किसी लोन की ईएमई हो तो असंभव है। और हम जिंदगी भर किसी अच्छी जगह, अच्छे होली-डे मानने की चाहत लिये। अपनी जिंदगी को किसी तरह गुजार रहे हैं।
मैने कुछ उपाय अपनाये हैं जिन्हें मै आपके साथ शेयर करना चाहता हूँ
किसी संस्था में नौकरी प्रोफेशनल की तरह अपनी भावनाओं को दबाकर अपने काम से मतलब रख कर अपने अधिकारियों की हॉं में हॉं मिला कर।
दोस्तों से दूरी बना कर
न्यूज चैनल्स नही देखना केवल न्यूज पेपर ही पढ़ना
लाइफस्टाइल चैनल्स देखना जैसे डिस्कवरी टीएलसी, फोक्स हिस्ट्री, नेट जिओ, डिस्कवरी और धार्मिल चैनल्स के कुछ खास कार्यक्रम
घर में अपने क्रोध पर काबू रखना, जब आपको किसी बात पर क्रोध आये घर या आॅफिस या कहीं भी कम से कम उस क्रोध के रियेक्शन को 30 मिनट के लिये होल्ड करने की शक्ति को अपनाना। इस समय के बीत जाने पर आप पायेंगे कि आपसे जो गलत होने वाला था आपने अपनी सहायता स्वयं   करके इस पर काबू करने में एक सराहनीय कार्य किया।
बच्चों के साथ बच्चों की तरह बातें करना।
बाहर के खाने से बचना
यदि कोई छोटी मोटी बीमारी हो तो उसके लिये केवल आयुर्वेदिक दवाईओं का सेवन करना इससे आप कुछ नया इन्ट्रेस्टिंग महसूस करेंगे और आपको दवाओं के संबंध में जानकारी भी मिलेगी।
गाड़ी में यदि कहीं पेट्रोल खत्म हो जाये तो (जब फैमली साथ न हो और आॅफिस के समय और दोपहर को छोड़ कर) तो पेट्रोल पम्प तक गाड़ी धका कर ले जाये । इससे आपको नया अनुभव होगा। आपके टैक्सी के पैसे भी बचेगे और दूसरों से हेल्प माँगने की प्रवृत्ति कम होगी।
और भी बहुत से तरीको पर मै आजकल खोज कर रहा हूँ। आज कुछ ज्यादा ही बोरिंग आर्टिकल में आप शायद पक गये होंगे।


24 sept'11 bhaskar bhopal page8
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मेरे इस ब्लॉग से आपको किसी तरह की सामग्री अच्छी लगे तो कृपया उसे उसके मूल रूप में ही पब्लिश करें। सीधी सी बात है जितना टीपना है टीपो

फेसबुक में लिस्टेड अपने सभी फ्रेंड्स के फोन नम्बर्स पता करने का मैजिक

अब आप अपने सभी फ्रेंड्स जिन्होंने अपने फेसबुक में फोन नं एड किये हुए हैं के फोन नम्बर इंस्टेंट मैजिक से पता कर सकते हैं मैने मैजिक शब्द का यूस इसलिये किया क्योकि फोन नम्बर पता करने का यह तरीका कुछ ही सेकंड में दिखाई देता है
सबसे पहले फेसबुक में लॉगिन करें अब एक नई विंडो खोलें वहाँ पर ये https://www.facebook.com/phonebook पेस्ट करें या इस पर क्लिक करें। अब कुछ ही सेंकड में आपने सामने अपने सभी फ्रेंड्स के नम्बर्स होंगे

सोमवार, 7 मार्च 2011

कैसे टॉस्टबार के माध्यम से अपने फोल्डर तक डायरेक्ट पहँुचे

 कभी -कभी हमे किसी साफ्टवेयर को चलाते समय या इंटरनेट पर सर्फिंग करते समय किसी एक ही फोल्डर पर बार-बार जाना होता है उसके लिये सबसे पहले हम प्रोग्राम से डेक्कटॉप पर जाते हैं या इक्सप्लोरर पर क्लिक कर माय कम्पयूटर आदि पर जाकर उस पर्टिकुलर फोल्डर को एक्सेस कर पाते हैं। इससे छुटकारा पाने के लिये
सबसे पहले चित्र के अनुसार अपने टॉस्कर पर राईट क्लिक करें (टॉस्कवार का मतलब स्टार्ट से लेकर टाईम तक जो नीले कलर की जो पट्टी कम्प्यूटर में सबसे नीचे होती है)
अब न्यू टूलबार पर (चित्रानुसार) क्लिक करने पर एक बिंडो खुलेगी मान लिजिये कि हमे मॉय डाकूमेंट को बार एक्सेस करना है तो हम उसे चुनेगें या आप किसी किसी फोल्डर को चुनना चाहते है चुन सकते हैं अब ओके पर क्लिक करें अब आपके टॉस्कबार में वह फोल्डर शो करने लगेगा अब जब भी कभी आपको इस फोल्डर पर जाना हो इस टॉस्कवार में इस फोल्डर के आॅइकॉन पर क्लिक करने पर आप वह पहँुच जाऐंगे।
 मान लिजिये कभी आपको इस फोल्डर को टॉस्कवार से हटाना है तो टॉस्टवार में पहले की तरह राईट क्लिक करने पर इस फोल्डर का नाम दिखाई देगा जिस पर क्लिक करने पर यह फोल्डर टॉस्कबार से गायब हो जायेगा

फेसबुक में बिना ईमेल के लॉगिन कैसे करें या अपना फेसबुक ईमेल कैसे बनाएँ Facebook Username

यदि आपका जीमेल या याहँू का ईमेल आईडी है तो आपने यह देखा होगा कि जब यदि आप जीमेल में लॉगिन करते हैं या याहूँ में लॉगिन करते हैं तो केवल अपना यूसरनेम ही इंटर करते हैं और पासवर्ड डालकर लॉगिन करते हैं यही सुविधा अब आप फेसबुक में भी पा सकते हंै
सबसे पहले अपने फेसबुक में लॉगिन करें उसके बाद एक नई इंटरनेट की बिंडों खोलें जहॉं पर बेबसाईट का नाम लिखा जाता है वहाँ ये https://www.facebook.com/username पेस्ट करें or click on this अब सामने आपके लिये यूसरनेम के आॅप्शन दिखाई देंगें इनमें से किसी एक को सलेक्ट कर ले या लास्ट में एक मोर आप्शन दिखाई देगा वहाँ अपनी इच्छानुसार भी आप अपना यूसर नेम चुन सकते हैं यही आपका फेसबुक का ईमेल आईडी होगा जैसे मेरा bhagatbhopal@facebook.com  फेसबुक का ईमेल आईडी है
अब यदि कोई भी आपको इस नये फेसबुक के ईमेल पर मेल करता है तो आप इसे फेसबुक में जो लेफ्ट साईड में मैसेज का आप्शन दिखाई देता है वहॉं से देख सकते हैं और यही से इसी फेसबुक के ईमेल से किसी को भी मेल कर सकते हैं नीचे जो एक पिक्चर का आप्शन आता वहाँ से आप ईमेल के साथ अटैचमेंट भी भेज सकते हैं

अब जब भी अब फेसबुक में लॉगिन करें बस अपना यूसरनेम इंटर करें और पासवर्ड डालकर लॉगिन करें

अधिक जानकारी के लिये ये विडियो देंखें

शनिवार, 5 मार्च 2011

चाय के साथ जहर । कहॉं गये वो कुल्हड़ और कॉंच के गिलास

आजकल आपने देखा होगा कि चाय की दुकानों पर चाय वाले एक तरह के डिस्पोसल महीन प्लास्टिक से बने प्लास्टिक ग्लास या कहें की कप जो की एक हल्की फूक मारने पर ही उड़ सकते हैं, में आपको कट चाय देते हैं। और आप चाय पी भी लेते हैं शुरू-शुरू में आपकों चाय पीने में परेशानी का सामना पड़ता हैं क्योंकि इन प्लास्टिक के गलास में चाय बहुत ज्याद हॉट लगती है, और चाय का टेस्ट भी समझ नही आता ये कहें कि चाय का मजा ही बिगड़ जाता है।
 क्या आपको पता है कि प्लास्टिक के इन गलास में गर्मा गर्म चाय डालने पर इस प्लास्टिक में उपस्थित बीपीए (bisphenol A or BPA) नामक एक जहलीरा केमिकल एक्टिव हो जाता है जो एक लम्बे समय तक एक प्लास्टिक की बॉटल को उपयोग में लाने पर एक्टिव होता है। पॉलीकार्बोनेट जो कि प्लास्टिक बनाने में प्रयोग होता है यदि मनुष्यों की धमनियों में प्रवेश कर जाता है तो इससे मनुष्य की सोचने समझने की शक्ति या स्मरण शक्ति जाती रहती है और यदि गर्भास्था में स्त्रियों को यदि आप इसी गलास में चाय देते हैं तो उनके होने वाले बच्चों में इसका असर बहुत जल्दी देखने को मिलता।
 मुझे एक बात और समझ में नही आती है कि बड़ी-बड़ी ब्रांडेड कम्पनियाँ अपनी पानी की बॉटल पर यह लिखती है कि कृपया कर उपयोग के बाद नष्ट कर दें या फेंक दें उन्हीं कम्पनियों का पानी जो हमारे आॅफिस में लगभग रू 90-120 में आता है, हम सभी अपने आॅफिस में बार-बार उपयोग की गई बॉटलों से ही आनेवाले पानी को पीते हैं हमें पता ही नही होता कि कौन-कौन से केमिकल पानी को शुद्ध करने में प्रयोग किये गये हैं। कभी-कभी आपको इस पानी का स्वाद कड़वा लगता होगा इसका मतलब है उस दिन कम्पनी ने पानी को शुद्ध करने के लिये ज्यादा मात्रा में केमिकल का उपयोग किया है।
मै ये जानकारी देकर आपको डरा नही रहा हॅूँ, आप सोच रहे होगें कि अब क्या कर सकते हैं चाय तो पीनी ही होती है लेकिन आप इस प्लास्टिक के गिलास में चाय नही पीयेगे ये दुकान को आवश्यक कह सकते हैं। रही आॅफिस में आने वाले पानी की बात तो पहले पता कर लिजिये की पानी ब्रांडेड कम्पनी का ही है या केवल ब्रांडेड कम्पनी का लेवल ही बॉटल पर लगा है। और इससे ज्यादा में आपको पका नही सकता हँू क्योकि मै कोई वैज्ञानिक नही हूँ मै भी इन प्लास्टिक के गलास में चाय पी-पी कर परेशान हो चुका हँू। कहॉं गये वो कुल्हड़ और कॉंच के गिलास

शुक्रवार, 4 मार्च 2011

हिंदी टाइपिंग कैसे करे (HOW TO TYPE HINDI)

यदि आप हिंदी में टाइपिंग फेसबुक या अन्य दूसरी वेबसाइट पर करना चाहते है तो इस लिंक पर क्लिक करे
जैसे यदि आप को 'आज' टाइप करना है तो टाइप करें AAJ ये आॅटोमेटिक स्पेस बार की दबाने पर "आज" लिख जायेगा   टाइपिंग करने के बाद इस टेक्स्ट को कही भी (on websites) कॉपी कर पेस्ट करे



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SOFTWARE ; http://www.omkarananda-ashram.org/Sanskrit/itranslator99.htm

कौन सी ट्रेन मिल सकती है?

indian train inquiry by sms
कभी कभी क्या होता कि हम अपने आप को असहाय सा मेहसूस करते हैं जैसे कि मान लिजिये आपके यहाँ से किसी परिवार के सदस्य या किसी परिचित को रात को लेट नाईट ट्रेन से अचानक यात्रा करनी पड जाये और उसे गन्तव्य स्टेशन के लिये आपके शहर के रेल्वे स्टेशन से कौन सी ट्रेन मिल सकती है पता करना हो, तो सबसे पहले आप अपने मोबाईल से 131 या 132 एवं अन्य नम्बर डायल करते है यह पता करने के लिये कि उस शहर के लिये कौन सी ट्रेन आपको अभी मिल सकती है लेकिन मै अपना अनुभव आपको बताना चाहँूगा मैने ये नम्बर्स अपने मोबाईल से डायल किये किंतु ये नम्बर्स नही लगे तब मैने 139 नं डायल किया तो वहॉं से मुझे कम्प्यूटर रिकार्डिंग सुनाई दी पूछताछ का कोई आॅप्शन सुनाई नही दिया। अब आप सोच रहे होंगे कि मैने इंटरनेट से क्यो नहीं पता किया किंतु हर किसी के पास मोबाईल पर या घर पर इंटरनेट तो होता नही। और ना ही सभी के घर के पास के एसटीडी पीसीओ देर रात तक खुले होते हैं जहॉं से 132 या अन्य नं डॉयल कर पता कर सकें
 इसलिये आज मैने रेल्वे कि वेबसाई से एक काम की जानकारी देखी है जिसे मै आपको बताना चाहता हूँ।
      इस जानकारी के अनुसार आप अपने मोबाईल से एसएमएस से ही विभिन्न तरह की जानकारियाँ प्राप्त कर सकते हैं भले ही आपके मोबाईल पर नेट न हो, पर कम से कम कुछ बैलेस हो|
कृपया कर इस जानकारी को एक कागज पर नोट कर या प्रिंटआउट ले कर अपनी पॉकेट मे रख ले पता नही कब इसकी जरूरत महसूस हो|

(1) Trains Between Two StationsSms TRNBT <Source> <Destination> to 54959
Note : plz not use < > sign
e.g :
TRNBT AHMEDABAD PUNE to 54959
 then you get this sms
From ADI To PUNE
0673 JODHPUR YPR SPL
Dep:AHMEDABAD JN 14:55
Arr:PUNE JN 04:15
1089 JU PUNE EXPRESS


(2) Train Schedule (send the first few characters of the train name) Sms TRNSH <first few characters of the train name> to 54959
then you get this sms
2902 GUJARAT MAIL
Dep:MUMBAI CENTRAL 21:50
Arr:AHMEDABAD JN 06:25
2902 GUJARAT MAIL


(3) Ticket Availability Sms TRNAV <Train No.> <Source> <Destination><DDMM> <Class> to 54959
e.g.:
TRNAV 2902 ADI BCT 0505 SL
then you get this sms
2902 GUJARAT MAIL
AHMEDABAD JN-MUMBAI CENTRAL
05-05-2008
5- 5-2008 : WL 210/WL 84
6- 5-2008 : WL 232/WL 123

Access via WAP (Mobile Browser)
Sms TRNLINK to 54959

for more detail : http://www.indianrail.gov.in/n4nuts.html

मंगलवार, 1 मार्च 2011