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मंगलवार, 3 दिसंबर 2013

गूगल प्ले स्टोर से अपने कम्पयूटर पर किसी भी एप्प की .apk फाईल डाउनलोड करें

download apk file from google play store
how to download apk file from google play store
अब आप गूगल प्ले स्टोर से अपने कम्पयूटर पर किसी भी एप्प की .apk फाईल डाउनलोड कर सकते हैं आॅनलाईन इस http://apkleecher.com/ वेबसाईट से  या केवल 15 दिन के ट्रायल साॅफ्टवेयर को डाउनलोड करके।

इस साॅफ्टवेयर की आवश्यकता उन लोगों को अधिक है जिनके मोबाइल में गूगलप्ले स्टोर पहले से इंस्टाल नही है या सर्पोट नही करता।

1. सबसे पहले इस wondershare लिंक पर क्लिक कर साफ्टवेयर इंस्टाल करें
2. अब नीचे दिये गये चित्र की भांति गूगल प्ले स्टोर पर क्लिक कर अपने मनपसंद एप्प को सर्च करें और इंस्टाल बटन पर क्लिक करें
pic 1

pic 2

3. अब जो आपने एप्प इंस्टाल किया है उसकी फाईल लेफ्ट वाटम में जो डाउनलोड लिखा दिख रहा है पर क्लिक कर पाई जा सकती है
4. अब इस फाईल को अपने एंड्राइड फोन में काॅपी कर अपने फोन में इंस्टाल करें।
5. चाहें तो आप इस प्ले स्टोर पर अपने जीमेल एकाउंट से लाॅगइन भी कर सकते हैं

शुक्रवार, 22 नवंबर 2013

अपने एंड्राइड फोन पर ​डिलिट हुई कॉन्टेक्ट लिस्ट को पुन: प्राप्त करें

get back contact list on your android phone

यदि आपके पास स्मार्ट फोन या एंड्राइड फोन है और आपकी गलती या किसी ओर के द्वारा आपके फोन से फोनबुक या कांटेक्ट लिस्ट डिलीट कर दी गई है तो आप उसे पुनः प्राप्त कर सकते हैं।



  • सबसे पहले फोन पर यह चेक करें कि आपने अपने कौन से जीमेल एकाउंट से अपने फोन को लाॅगिन किया हुआ है या sync किया हुआ है
  • अब अपने उस जीमेल एकाउंट को अपने पीसी या कम्प्यूटर पर लाॅगिन करें और चित्र-1 के अनुसार contacts पर क्लिक करें
pic 1

  • अब चित्र-2 के अनुसारmore> restore contacts पर क्लिक करें
pic 2

  • अब चित्र-3 के अनुसार सेटिंग कर restore पर क्लिक करें
pic 3

और अब अपने फोन पर सेटिंग पर जाकर या कांटेक्ट आॅप्शन पर जाकर एकबार account & sync settings > sync के साइन पर क्लिक करें और थोड़ा रूके ताकि आपकी कांटेक्ट लिस्ट पुनः आपके फोन पर पुर्नस्थापित हो सके।

नोट - याद रखें इस प्रक्रिया के दौरान आपका फोन इंटरनेट या वाई-फाई से कनेक्ट हो और आपका फोन पहले से आपके जीमेल से जुड़ा हो।

सोमवार, 5 अगस्त 2013

बच्चों को कैसे याकिन दिलायें कि जो दिखाया जा रहा है वो कभी संभव नही

Boring Indian TV channels
क्यों बच्चों के दिमाग में ये गलत प्रोग्रामिंग कर रहे हो भाई सुनों मै आपसे कह रहा हंू जो टीवी चैनल्स रात दिन साउथ की एक्शन मूवी दिखाने में व्यस्त है चाकू, तलवार बिना सोचे समझे विलन और हीरो एक दूसरे पर चला रहे हैं हीरो इतनी तेजी से वार करता है कि जमीन ही फट जाती है, दीवार टूट कर छिन्न भिन्न हो जाती है और पता नही क्या क्या हो जाता है जो विडियो गेम में होता है। हीरोइन एक हीरो पर फिदा हो जाती है, घर ही पत्नी हमेशा डरी रहती है कि कब विलेन आकर उसे सताऐगा। गाडिय़ां इतनी लक्जरी कि बच्चे कहते हैं पापा ये वाली गाड़ी कब खरीदोगे। अभी अभी मैने क्रिस ३ का ट्रेलर देखा उसमें ही वही एलियन, एक्शन अचानल हीरो का कहीं से प्रकट हो जाना ऐसे जैसे विडियो गेम को पर्दे पर उतार दिया हो।

गुरुवार, 25 जुलाई 2013

बारिश का आनंद

New toll-free phone number for electricity complaints in BHOPAL

कल मैने बारिश का आनंद लिया मैने आज तक इतनी जोरदार कडकती बिजली की आवाज भोपाल में पहली बार लगातार नही सुनी थी, विजय मार्केट बरखेडा भोपाल से सब्जी खरीदी, फिर रात 9 बजे घर आया जैसे ही बिस्तर पर बच्चे और मै सोने के लिये तैयारी कर रहे थे अवधपुरी भेल के दोनो Transformers उड गये 
toll-free phone number 18004203300 पर 2 बार कम्पलेंड की तब जाकर रात 1 बजे बिजली के दर्शन हुये जो कि बच्चो को मच्छर और गर्मी से बचाती है। मैने देखा की कैसे लाइनमैन और पूरी टीम बारिश में खम्भे पर चढकर नंगे हाथों से के तार जोड रहे थे


शुक्रवार, 19 जुलाई 2013

इनके खिलाफ कौन आवाज उठाएगा

 न्यूजपेपर्स में जो तांत्रिकों के क्लासिफाइड में ढेरो विज्ञापन प्रतिदिन छपते हैं उनसे ही महिलाओं और बच्चों पर अपराध बढते हैं। और आवश्यकता काॅलम में जो 10 से 20 हजार प्रतिदिन कमाओं लडके लडकियों की मसाज करने के लिये जरूरत है वाले विज्ञापन भी लोगों को लूट रहें हैं। रही सही कसर वो लोन वाले विज्ञापन पूरी करते हैं। इनके खिलाफ कौन आवाज उठाएगा ?

मंगलवार, 16 जुलाई 2013

जागो भाई सोने का समय नही है

जब हम रामायण, भागवत कथा, गीता हिन्दी में पढते हैं और सारे सास बहू के टीवी सीरियल हिन्दी में देखते हैं। डिस्कवरी नेटवर्क भी स्थानीय भाषा में प्रोग्राम दिखाता है तो एमबीए, इंजीनियरिंग और एमबीबीएस की पढाई हिन्दी में नही हो सकती क्या? हमारे आस पास भी हिन्दी मीडियम स्कूल गायब हो गये हैं। कभी आपने सोचा है कि डाक्टर्स हिन्दी में या स्थानीय भाषा में मरीज को दवाई का पर्जा क्यो नही लिखता। जबकि हमारे पूर्वज वैद्य कठिन से कठिन जडी बूटियों के नाम हिन्दी में लिख देते थे। हमारे देश में हर सर्वोच्च प्रशासनिक संस्था के चिन्ह में संस्कृत में श्लोक लिखे हुये है तो संस्कृत को बढावा देने के लिये स्कूल और टीचर क्यो नही दिखाई देते?

ध्यान दें
कार्टून चैनल्स हिन्दी में हैं।
मोबाईल में हिन्दी है।
फेसबुक में हिन्दी है
एटीएम में हिन्दी है
दूरदर्शन के ज्ञान दर्शन चैनल में अधिकतर प्रोग्राम इंग्लिश में हैं
डीडी भारती में में भी यही हाल है।
हमारे आस पास 90 प्रतिशत स्कूल्स इंग्लिश माध्यम में हैं।

21 JULY 2013

22 JULY 2013
27 july 2013

शुक्रवार, 12 जुलाई 2013

फेसबुक के लिये सुझाव

suggestion for facebook


फेसबुक को ऐसी तकनीक पर काम करने की जरूरत है जिससे कि एक महिला, लडकी, पुरूष या युवक एक ही प्रोफाइल बनायें और इनकी फोटो केवल वेब केम से ही मान्य हो जो कि आॅनलाईन फेसबुक द्वारा लिया गया हो। ताकि महिला, लडकी, पुरूष धोखा खाने से और जवान लडके जोकि अपने माता पिता की गाडी कमाई से शहरों में पढने आते हैं अपना पैसा और समय गंवाने से बच जायें।
ये पोस्ट इतने कम शब्दों में इसलिये लिखी है क्योंकि आप सभी को पता है कि फर्जी प्रोफाईल कितनी अधिक मात्रा में हैं और उनके क्या हानिकारक प्रभाव हमारे आस पास देखने को मिलते हैं.

किसी प्रोफाइल की संदिग्ध फोटो और गतिविधियां शांत मन में तरह तरह के विचार पैदा करती  हैं जिससे कि हमारा मन एक शंका से भर जाता है सामने वाला हमें अपने बारे में जो बताता है हम या तो उसे मान लेते हैं या उसे संदिग्ध मान कर छोड देते हैं यदि हम वही मान लेते हैं जो संदिग्ध प्रोफाइल वाला वंदा या वंदी हमें विश्वास दिलाना चाहता है तो हम एक धोखे का शिकार होते हैं क्योंकि उसका फोटो ही उसके परिचय को झूठा घोषित कर रहा होता है। फोटो होता है किसी माॅडल या किसी सेलिब्रिटी का।

शनिवार, 29 जून 2013

गड्डों में सडकें

Road conditions in Bhopal

नये भोपाल की काॅलोनियों में और पुराने शहर में रोडों का हाल ऐसा है कि बच्चे और बुर्जर्गो की इन पर चलते हुये किडनी तक हिल जाती है लेकिन प्रशासन की कान पर जंू तक नही रेंगती। खाने से लेकर हगने तक पर टैक्स जनता दे रही है लेकिन रोडो पर न तो स्ट्रीट लाइट्स जलती हैं ना ही गडडे भरे जाते हैं हां नर्मदा पाईप लाईन का कार्य प्रगति पर है को शो करने के लिये वर्षा में भी घरों के सामने रात दिन खुदाई चलती है लेकिन भराई के लिये लोगों को नगर निगम के हाथ जोडने पडते हैं। भोपाल में जो रोडें है जहां से नेताओं की लालबत्ती गुजरती हैं उनमें किसी भी मौसम में गड्डे दिखाई नही देते क्या उन्हें स्पेशल इंजीनियर्स द्वारा बनाया गया है।

24 sept 2013



18 july 2013

28 june 2013

29 june 2013

29 june 2013

29 june 2013
3 july 2013
31 july 2013
29 july dbstar
29 july 2013 bhaskar
5 aug 2013


5 aug 2013

31 july 2013
31 july 2013



सोमवार, 10 जून 2013

रेलवे प्लेटफार्म पर MRP से ज्यादा रेट्स क्यों बसूले जाते हैं?

रेलवे प्लेटफार्म पर MRP से ज्यादा रेट्स क्यों बसूले जाते हैं? क्या ये रेलवे का कानून है तो यात्रियों पर थोपा जाता है . MRP चाय पर होता नहीं इसलिए चाय के नाम पर उबला हुआ पानी बेचा जाता है। ग्राहकों के लिए विज्ञापन रात दिन TV पर दिखा रहे हो एक विज्ञापन ऐसा भी बनाओ जागो रेलवे जागो!-



सोमवार, 3 जून 2013

अटल ज्योति अभियान को चिढ़ातीं ये चायनीज इमरजेंसी लाइट्स और चिमनियां

Atal Jyoti Abhiyan: A journey of light

कुछ दिन पहले बस के सफर में भोपाल के आसपास गांवों का नाजारा देखने को मिला । शाम का समय था सफर शुरू हुआ शाम ६:४५ से और खत्म हुआ रात ९ बजे जो देखने को मिला यहां बता रहा हंू। हाल ही में मध्यप्रदेश सरकार ने अटल ज्योति अभियान चलाया है कि २४ घंटे बिजली दी जायेगी लेकिन मै प्रतिदिन भास्कर में देखता हंू भोपाल शहर में बिजली कटौती का समय ४-५ घंटे का क्षेत्रबार और कॉलोनी के नाम सहित प्रकाशित किया जाता है और कभी कभी मेरे घर पर भी इतनी भीषण गर्मी में भी २-३ घंटे बिजली गायब रहती है। लेकिन बहुत से गांव भोपाल और आसपास के जिलों में ऐसे हैं जो कि गूगल मेप में दिखाई नही देते वे केवल रोड के सफर में ही दिखाई देते हैं वहां शाम होते ही चायनीज इमरजेंसी लाइट्स जल उठती हैं हर घर में । और जो बेहद गरीब हैं वे केरोसीन की चिमनियों से काम चलाते हैं। इन गांवों में बच्चे कैसे परीक्षा की तैयारी करते होंगे भले ही इनके घर में टीवी और अन्य इलेक्ट्रिकल उपकरण हों वे सब अनुपयोगी हैं।




05 march 2015



27 april 2014 bhaskar




3rd JUNE 2013 BHASKAR BHOPAL
4 june 2013





4 june 2013

4 june 2013
9 JUNE 2013
18 june 2013
24 june 2013
14.11.13

21 april 15

भोपाल और हबीबगंज रेल्वे स्टेशन का आंखों देखा हाल

Mismanagement at Bhopal and Habibganj Railway Station
पोस्ट बहुत छोटी है लेकिन जो हाल देखा लिखने का मन किया क्योंकि शायद सोते हुये प्रशासन को कोई जगा दे।
हबीबगंज और भोपाल रेल्वे स्टेशन पर जो पार्किंग हैं वहाँ कोई भी गाड़ी पार्क कर सकता है चोर या कोई बुरा सोच वाला। कोई पूछने वाला नही। कोई भी व्यक्ति मनचाही गाड़ी पार्किंग स्थल से ले जा सकता है बस उसके पास पार्किंग की पर्ची और गाड़ी की चाबी होना चाहिये। ये जो पार्किंग हैं वहां कम से कम १००० गाडियां प्रतिदिन पार्क की जाती हैं। किसी प्रकार का कोई कम्प्यूटरीकृत कोई सिस्टम नही जबकि आये दिन न्यूज पेपर्स में न्यूज आती रहती है कि जो वाहन चोर गिरोह पकड़े जाते हैं वे अधिकतर रेल्वे स्टेेशन की पार्किंग में ही चोरी की गाडिय़ाँ पार्क करते थे आदि। अब मै एक सुझाव रेल्वे प्रशासन को देना चाहता हंू कि जैसा पार्किंग सिस्टम डीबी मॉल में है जिसमें की कम्प्यूटर पर एक-एक गाड़ी का वाहन नं. दर्ज किया जाता है साथ में सीसीटीवी कैमरे से वाहन लाने वाले का रिकार्ड भी कम्प्यूटर में दर्ज हो जाता है वैसा ही सिस्टम रेल्वे क्यो नही अपनाता। और ये पार्किंग वाले ऐसा लगता है केवल नोट छाप रहे हैं २४ घंटे । और भी अव्यवस्थाएं हैं जैसे भीषण गर्मी में आधा कि.मी. लम्बे प्लेटफार्म पर आप और हम ढंूढ़ते रह जाते हैं कहाँ वाटर कूलर का ठंडा पानी है। और ठंडे पानी की बोटल्स मिलती हैं वे ऊंचे दामों पर बेची जाती है प्लेटफार्म पर जैसे रेल्वे ने उन दुकानदारों को यात्रियों को लूटने का लायसेंस दे रखा हो। इतनी गर्मी में खाने पीने की चीजों की कोई जांच नही की जाती खाद्य विभाग द्वारा रेल्वे स्टेशनों पर जो कि बासे कूसे आलू और मैंदे से बनाया जाता है। टिकट खिड़कियों पर रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाये जाने का परिणाम नजर आता है बुर्जग महिलायें और पुरूष रेल्वे कर्मचारी यात्रियों की अनसुनी करते हुये बेहद सुस्त चाल से कम्प्यूटर चलाते हैं उनकी नजर केवल पहचान वाले टिकट खरीदार पर होती है। भले ही यात्री चिल्लाते रहें कि ट्रेन छूट जायेगी या यात्री बताये कि वह अपंग की श्रेणी में आता है या यात्री कहे की उसके पास चेंज नही हैं तो भी उन पर कोई फर्क नही पड़ता।
हाँ एक और बात पुराने भोपाल रेल्वे स्टेशन के ४ नं. प्लेटफार्म से होटलें दिखाई देती हैं जिनका पिछवाड़ा प्लेटफार्म की तरफ होता है उनमें से अधिकतर बहुत ही पुरानी हैं जिनमें पूरी तीन मंजिलों तक पूरी बिल्डिंग में पीपल और अन्य वृक्ष उग आयें हैं पहली नजर में ही होटल का पिछवाड़ा होटल की जर्जर हालत वायां करता है।
1-3 june 2013

1-3 june 2013

1-3 june 2013