किराने की दुकान वाले एमआरपी द्वारा विभिन्न वस्तुओं पर तो कमातें ही हैं एवं विभिन्न कंपनियों की टार्गेट आधारित जो विशेष डिस्काउंट होता है उस पर मलाई मारते हैं। जो कि उनका हक होता है क्योंकि वे भी कमाने ही बैठे हैं लेकिन मै यहां एक और छुपी हुई कमाई की बात यहां बता रहा हूं शायद आप जानते भी हो लेकिन आपने उतनी गंभीरता से न लिया हो।
उधारी में किराना :
- मान लिजिए किसी दुकानदार से आप महिने भर उधारी में किराना खरीदते हैं। और उसका बिल होता है रू. 3000 तो आप अंदाजा लगाएं कि वह इस 3000 की राशि से आपसे कितना प्रतिशत कमा रहा है।
- यदि एक लीटर तेल के पैकेट को वह आपको दे रहा है रू. 85 में और अन्य किसी दुकान पर वही रू. 75 में मिल रहा है तो आप गणित लगाईये कि वह आपसे कितना प्रतिशत कमा रहा है।
- यदि एक बिस्किट का पैकेट वह आपको एमआरपी रेट मान लिजिए रू 10 में ही दे रहा है एवं अन्य किसी सुपर मार्केट में वह रू. 9 में मिल जाता है तो वह आपसे कितने प्रतिशत कमा रहा है
- यदि एक नमक का पैकेट आपको वह रू. 16 में दे रहा है और वही पैकेट अन्य किसी दुकान या सुपर मार्केट में कैश पेमेंट में 14 का मिल रहा है तो वह आपसे कितने प्रतिशत कमा रहा है।
- इसी तरह आप एक 10 किलों या 5 किलों के आटे के पैकेट में भी दाम के अंतर से देख सकते हैं कि आप अपने किराने वालो को महीने भर में कितने रूपये बनाने का मौका दे रहे हैं।