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बुधवार, 28 अक्तूबर 2015

मेरे ब्लॉग पर विज्ञापनदाताओं का स्वागत है

यदि आपकी देशव्यापी संस्था है या कोई प्रोडक्ट जिसका आप प्रचार करना चाहते हैं
अथवा
आपकी कोई वेबसाईट जिस पर आप मेरे ब्लॉग के माध्यम से विजिटर का ध्यान आकर्षित करना चाहते हैं तो आप मेरे ब्लॉग को माध्यम बना सकते हैं अर्थात् विज्ञापन मेरे इस ब्लॉग पर डिस्प्ले कर सकते हैं। कुछ धनराशि दे कर।
मेरे ब्लॉग की इस वर्ष की पूरी ट्रेफिक report नीचे दी गई है अवलोकन कर सकते हैं। मै आपको बताना चाहता हूं कि मेरा ब्लॉग हमारे देश में हर माह लगभग 10 हजार विजिटर्स द्वारा देखा जाता है।
यदि आप किसी तरह का विज्ञापन करने में रूचि रखते हैं मेरे इस ब्लॉग पर. तो सम्पर्क करें

शुक्रवार, 23 अक्तूबर 2015

सद्गुरू की महत्तता

आपसे कोई बोल्ट खुल नही रहा और लगें हैं किस्मत को रोने फिर आप चले ईश्वर को मनाने कर्मकांडों के चक्कर लगाने। और भले ही आप अंधविश्वासो को बढ़ाने वाले के चक्कर लगाते रहें, चाहें तो अपनी परिस्थितियों या अपनी एजूकेशन सिस्टम को कोसें फिर भी आप जो बोल्ट है कसा हुआ उसे  अभी भी बिना किसी टूल के हाथों से ही खोलने की कोशिश कर रहे हैं तो आपको सद्गुरू की जरूरत है जो आपको उस ​विशेष टूल की जानकारी देगा जिससे कि उस किस्मत के बोल्ट को आप खोलने की सही जानकारी पा लेंगे जरूरत है आपके परिश्रम की और टूल की उपलब्धता अपने लिये ​सुनिश्चित करने की।
यहां बोल्ट आपकी समस्या है।

मंगलवार, 20 अक्तूबर 2015

वैक्यूम के अलावा भी कुछ है।

मान लिजिए यदि पानी वैक्यूम है और वह किसी गोल टब में भरा है और उसमें कोई गेंद डाली जाती है तो उसका कुछ हिस्सा पानी की सतह से उपर होता है। और गेंद गोल—गोल बहुत ही धीमी गति से अपनी ही धुरी पर घू​मती है और साथ ही उस गोल टब के किनारे किनारे चक्कर लगाती है।
यह देखकर मुझे लगता है कि पृथ्वी की उपरी सतह मतलब उत्तरी ध्रुव के उपर कहीं वैक्यूम के अलावा भी कुछ है।
और यदि गेंद पानी में पूरी डूबी होती मतलब यदि पृथ्वी पूरी तरह से वैक्यूम से घिरी होती तो वह इस अंतरिक्ष में बह जाती जैसे एक पूरी डूबी हुई कोई गोल चीज पानी मे पूरी डूबने पर बह जाती है या उसका बॉटम टब के तल को छूता है

मंगलवार, 6 अक्तूबर 2015